Monday 6 November 2017

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का इतिहास व जीवन परिचय।। DR. A P J ABDUL KALAM HISTORY IN HINDI

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम 

नाम- अबुल पकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम (मिसाइल मैन)
जन्म- 15 अक्टूबर 1931
          गांव धनुषकोडी रामेश्वरम तमिलनाडु
पेशा-वैज्ञानिक इंजीनियर प्रोफेसर
मृत्यु- 27 जुलाई 2015 शिलांग मेघालय भारत
उम्र- 83 वर्ष


                   
                    अबुल पकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम जिन्हें हम डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम अथवा मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जानते हैं इन्हें भारत के आदर्श व्यक्तियों की सूची में रखा जाता है जिन्होंने अपना पूरा जीवन भारत को विकसित और ताकतवर देश बनाने में दिया डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साहब ने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन जिसे हम( डी आर डी ओ )और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला और इसके बाद वह भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए इन्हें जनता का राष्ट्रपति भी कहा जाता है
यह बच्चों और युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत थे
प्रारंभिक जीवन

अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर गांव धनुषकोडी रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था इनके पिता का नाम जैनुल आबदीन था जोकि ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे इनके ऊपर अपने पिताजी का गहरा प्रभाव पड़ा क्योंकि वह उनकी लगन और मेहनत से काफी कुछ सीखते थे इनके पिताजी एक मछुआरे थे जो कि अपनी नाव को किराए पर दिया करते थे इनका परिवार काफी बड़ा था खुद अब्दुल कलाम के पांच भाई और पांच बहने थी इनको बचपन से ही पढ़ने में रुचि थी इनका पहला शिक्षा दाखिला रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में हुआ
आपको जानकर हैरानी होगी की अब्दुल कलाम जी का पढ़ाई में रुचि होने के कारण उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा को जारी रखने के लिए अब्दुल कलाम जी ने अखबार बांटने का कार्य किया वह अपने दिन की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले सुबह की नमाज फजर को पढ़कर अखबार बांटने निकल जाया करते थे उसके बाद घर लौटकर वह स्कूल जाते थे सन 1950 में इन्होंने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में ग्रेजुएट की उपाधि प्राप्त की



कैरियर

इन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया ताकि वह एक महत्वपूर्ण परियोजना हावर क्राफ्ट पर काम कर सके उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण में अपना योगदान दिया तथा भारत के स्वदेशी निर्माण उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण में अहम भूमिका निभाई तथा 1980 में इन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापित किया था इस प्रकार भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया उन्होंने कई अहम परियोजनाओं पर कार्य किया और उन्हें सफलतापूर्वक पूरा भी किया इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को विकसित करने का श्रेय भी इन्हीं दिया जाता है और सबसे महत्वपूर्ण काम जो पूरे भारत को गौरवान्वित करता है वह यह था कि उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना द्वितीय सफल परमाणु परीक्षण किया जिससे भारत देश पूरी दुनिया के परमाणु संपन्न देशों की सूची में शामिल हो गया


पुरस्कार एवं सम्मान
  
सन          पुरस्कार का नाम                            संस्था

1981        पद्मभूषण                                  भारत सरकार
1990        पद्म विभूषण                              भारत सरकार 
1997        भारत रत्न                                  भारत सरकार 
1998        वीर सावरकर पुरस्कार                भारत सरकार 
2008        डॉक्टर ऑफ साइंस                   अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 
2012        डॉक्टर ऑफ लॉज                      साइमन फ्रीजर विश्वविद्यालय 
2014        डॉक्टर ऑफ साइंस                    एडिनबर्ग विश्वविद्यालय यूनाइटेड किंगडम

भारत के राष्ट्रपति

अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए उन्हें जनता का राष्ट्रपति भी कहा जाता है यह बच्चों और युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत थे भारतीय जनता पार्टी ने अब्दुल कलाम जी को अपना उम्मीदवार बनाया था जिसका विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने समर्थन किया और 18 जुलाई 2002 को डॉक्टर अब्दुल कलाम को 90% बहुमत प्राप्त हुआ और उन्हें भारत का यह गौरव पथ हासिल हुआ और वह भारत के राष्ट्रपति बने अब्दुल कलाम जी अपने व्यक्तिगत जीवन में बेहद ही कोमल स्वभाव के थे और वह शाकाहारी थे वह इतने अनुशासन प्रिय थे कि वह एक ऑफिस के नौकर से बड़े ही प्यार से बात करते थे 


मृत्यु

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम साहब का निधन 27 जुलाई 2015 को 83 वर्ष की आयु में शिलांग मेघालय भारत में हुआ था शिलांग में वह (IIM) लेक्चर देने जा रहे थे उस लेक्चर का उनका टॉपिक था (creating livable planet earth) ,वह धरती माता को बहुत ही प्यार करते थे उनका प्यार उनकी कविताओं से भी मिलता है उन्होंने लिखा था".
                   "  देखो धरती की जगमग देखो                           
                      पूछो किरणों से इनका कैसा नाता है
                      ‎ कुछ मीठा सा छू जाता है
                      ‎ एक जवाब वहीं से आता है
                      ‎ नहीं सिर्फ यह महज रोशनी
                      ‎ यहां ज्ञान का प्रकाश जगमगाता है
                      ‎ सेवा का प्रकाश यहां आंखें चुंधियाआता है
                      ‎ शांति से रोशन है जो वही तो धरती माता है"





दोस्तों मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह मेरा पहला पोस्ट है उम्मीद करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा मैंने पोस्ट में एक साधारण तथा दैनिक बोलचाल में बोली जाने वाली हिंदी भाषा का प्रयोग किया है जिससे कि समझने में आसानी हो 
यदि आपको अच्छा लगा तो प्लीज इस पोस्ट को लाइक करें और कमेंट करें और यदि आप किसी और व्यक्तिगत तथा आदर्श व्यक्ति की जीवनी जानना चाहते हैं तो आप कमेंट कर सकते हैं 


                                                                                                   

1 comment:

Trending